कंज्यूमर राइट्स और ब्रांड्स की जिम्मेदारी: एक ₹3 लाख के लैपटॉप की दर्दभरी कहानी

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जय हिंद दोस्तों!

आज हम बात करने वाले हैं ब्रांड्स, उनकी सर्विस और कंज्यूमर के अधिकारों की। आपने अक्सर सुना होगा कि कोई प्रोडक्ट खरीदने के बाद कस्टमर केयर या सर्विस सेंटर के साथ लोगों को कितनी दिक्कतें आती हैं। लेकिन क्या होगा अगर आपने ₹3 लाख का लैपटॉप खरीदा और वो 6 महीने के अंदर ही खराब हो जाए? और सबसे बड़ी समस्या ये कि ब्रांड उसे ठीक करने की बजाय आपको ही 2 साल से ज्यादा समय से परेशान कर रहा हो?

ये कोई काल्पनिक कहानी नहीं, बल्कि मुंबई के एक स्टूडेंट कृष्णा की सच्ची कहानी है, जिन्होंने Asus का एक हाई-एंड लैपटॉप खरीदा और आज तक उसकी सर्विस के चक्कर में फंसे हुए हैं।


क्या हुआ कृष्णा के साथ?

कृष्णा एक AI और ग्राफिक्स रिलेटेड कोर्स कर रहे हैं, जिसके लिए उन्हें एक पावरफुल लैपटॉप की जरूरत थी। उन्होंने Asus का ₹3 लाख का लैपटॉप खरीदा, जिसमें एक्सटेंडेड वारंटी भी ली, ताकि लंबे समय तक कोई दिक्कत न हो। लेकिन 6 महीने के अंदर ही लैपटॉप में प्रॉब्लम आने लगी:

  • ग्राफिक इंटेंसिव काम करते समय लैपटॉप अचानक बंद हो जाता।
  • फैन की आवाज बहुत तेज हो जाती और हीटिंग की समस्या आती।
  • Asus के सर्विस इंजीनियर्स ने मदरबोर्ड, SSD, ग्राफिक्स कार्ड जैसे कई पार्ट्स बदले, लेकिन समस्या जस की तस रही।

कृष्णा ने Asus की कस्टमर केयर, ईमेल, CEO डेस्क तक संपर्क किया, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं मिला। फिर उन्होंने कंज्यूमर कोर्ट का रास्ता अपनाया, लेकिन वहां भी तारीखें बढ़ती गईं और न्याय मिलने में देरी हो रही है।


Twitter पर वायरल हुई शिकायत

जब सभी रास्ते बंद हो गए, तो कृष्णा ने Twitter पर अपनी समस्या शेयर की। उन्होंने अपनी पोस्ट को प्रमोट भी किया, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग तक उनकी आवाज पहुंचे। उनकी पोस्ट वायरल हुई और मीडिया व सोशल एक्टिविस्ट्स का ध्यान इस मामले पर गया।

“मैंने सोचा था कि ₹3 लाख का लैपटॉप 5-10 साल चलेगा, लेकिन Asus की सर्विस ने मेरा विश्वास तोड़ दिया।”
– कृष्णा, मुंबई


Asus की सर्विस: एक और दर्दभरी कहानी

इस वीडियो को बनाने वाले (यानी हमारे) साथ भी Asus के साथ एक बुरा अनुभव हुआ। हमने Asus का ZenBook लैपटॉप खरीदा, जो प्रीमियम सीरीज़ में आता है। लैपटॉप का रिव्यू करने के बाद, हमने उसे रिसेट करने की कोशिश की, लेकिन वह रिसेट ही नहीं हुआ!

  • हमने Asus कस्टमर केयर को कॉल किया, इंजीनियर घर पर आया, लेकिन वो भी लैपटॉप को रिसेट नहीं कर पाया।
  • लैपटॉप को सर्विस सेंटर भेजा गया, वहां भी 15 दिनों तक कोई समाधान नहीं निकला।
  • Asus ने रिप्लेसमेंट का ऑफर दिया, लेकिन Reliance डिजिटल (जहां से लैपटॉप खरीदा गया था) ने कहा कि यह मॉडल उनके पास उपलब्ध ही नहीं है!
  • Asus की ओर से कोई क्लियर जवाब नहीं मिला, और आज तक ये मामला अनसुलझा है।

ब्रांड्स की सर्विस: क्यों हो रही है लापरवाही?

ये सिर्फ Asus की ही नहीं, बल्कि कई बड़े ब्रांड्स की समस्या है। लैपटॉप ब्रांड्स अक्सर सर्विस के मामले में कमजोर पाए जाते हैं, जबकि स्मार्टफोन कंपनियां इस मामले में बेहतर हैं।

  • Acer के एक यूजर का मदरबोर्ड 5 बार बदला गया, फिर भी समस्या ठीक नहीं हुई।
  • MSI, Lenovo जैसे ब्रांड्स के साथ भी कई यूजर्स को सर्विस में दिक्कतें आती हैं।

प्रीमियम प्रोडक्ट्स के पैसे लेने के बाद ब्रांड्स की जिम्मेदारी बनती है कि वो कंज्यूमर को बेहतर सर्विस दें।


क्या सुधार होना चाहिए?

  1. कंज्यूमर कोर्ट प्रोसेस को और तेज करने की जरूरत है।
  2. ब्रांड्स को सर्विस इंजीनियर्स को बेहतर ट्रेनिंग देनी चाहिए।
  3. सोशल मीडिया और कंज्यूमर फोरम्स पर शिकायतों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
  4. रिप्लेसमेंट और रिफंड पॉलिसी को और सरल बनाया जाए।

निष्कर्ष: कंज्यूमर को जागरूक होना होगा

अगर आपके साथ भी किसी ब्रांड के साथ ऐसी कोई समस्या आती है, तो:

  • कस्टमर केयर से संपर्क करें।
  • कंज्यूमर कोर्ट में केस दर्ज कराएं।
  • सोशल मीडिया पर अपनी आवाज उठाएं।

ब्रांड्स को ये समझना होगा कि प्रोडक्ट बेचने के बाद उनकी जिम्मेदारी खत्म नहीं होती।

“अगर ब्रांड्स नहीं सुधरेंगे, तो कंज्यूमर्स को अपने अधिकारों के लिए आवाज उठानी होगी!”

#ConsumerRights #Asus #ServiceMatters #BrandResponsibility

क्या आपके साथ भी किसी ब्रांड के साथ ऐसा अनुभव हुआ है? कमेंट में जरूर बताएं!

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