आज के समय में जब हर दिन एक नया और अजीबो-गरीब गैजेट बाजार में दस्तक देता है, तब यह जानना वाकई दिलचस्प होता है कि ये प्रोडक्ट्स वाकई काम के हैं या बस नाम के। ऐसे ही कुछ विचित्र और फनी टेक गैजेट्स की हाल ही में टेस्टिंग की गई, जिनका अनुभव किसी कॉमेडी शो से कम नहीं रहा।
डिलीवरी से शुरुआत – एक सरप्राइज पैकेज
जैसे ही डिलीवरी आई, उम्मीदें भी साथ में आ गईं। बॉक्स खोला गया और सामने था – एक रोबोटिक डॉगी! थोड़ा मजाकिया, थोड़ा रोचक, लेकिन शुरुआत शानदार थी। फिर आई कुछ और चीजें, जैसे कि नेचुरल जूस मिक्सर जिसमें ऑरेंज और लेमन का मिक्स बनाया गया – बचपन की यादों को ताजा करता हुआ। स्वाद तो ठीक था, लेकिन प्रेजेंटेशन ने ही सारा गेम बना दिया।
₹500 के हेडफोन – असली मजा या दिखावा?
इसके बाद बारी आई ₹500 वाले हेडफोन की। दिखने में थोड़ा स्टाइलिश और गोल्डन टच के साथ, लेकिन असल में पूरा प्लास्टिक। बटन की क्वालिटी औसत, साउंड क्वालिटी भी ठीक-ठाक, लेकिन कुछ मोड्स ने थोड़ा मजा भी दिया। हालांकि एक अजीब सी स्मेल भी महसूस हुई, लेकिन ऐसे सस्ते गैजेट्स में यह नया नहीं है।
फेस मसाजर से लेकर इलेक्ट्रिक टूथब्रश तक – घर बैठे स्पा एक्सपीरियंस?
फेस मसाजर और इलेक्ट्रिक टूथब्रश ने तो जैसे टेस्टिंग को और मजेदार बना दिया। मसाजर की वाइब्रेशन में ब्रेकडांस वाला एहसास आया, वहीं टूथब्रश ने सिर्फ ₹50 में स्पा जैसा अनुभव देने की कोशिश की। हालांकि कुछ चीजें थोड़ा डराने वाली भी थीं, लेकिन ओवरऑल रिलैक्सिंग फील जरूर आया।
ब्लू और रेड लाइट थेरेपी – काम की या बस दिखावे की?
ब्लू और रेड लाइट थेरेपी वाले स्किन ट्रीटमेंट गैजेट ने तकनीकी दुनिया में एक और झलक दी। दिखने में काफी आकर्षक और इस्तेमाल में सहज, लेकिन इसका असर 10 साल बाद दिखेगा या नहीं, यह कहना मुश्किल है। बस इतना जरूर कहा जा सकता है कि यह बच्चों को “आयरन मैन” जैसा जरूर महसूस करवा देगा।
शॉकिंग वॉच और वॉइस एम्प्लीफायर – अजीब लेकिन आकर्षक
शॉकिंग वॉच ने एक अलग ही एक्सपीरियंस दिया। कुछ पल के लिए तो झटका लगा लेकिन फिर वही मजा आ गया। वहीं वॉइस एम्प्लीफायर की खास बात यह थी कि आप अपनी दिल की धड़कन को रिकॉर्ड कर सकते हैं और डॉक्टर को भेज सकते हैं। लेकिन इसकी कीमत ने थोड़ा सोचने पर मजबूर कर दिया।
टेक्नोलॉजी + कॉमेडी = परफेक्ट मिक्स
इन तमाम गैजेट्स के बीच एक बात साफ थी – टेक्नोलॉजी का हर प्रयोग जरूरी नहीं कि सीरियस हो। कभी-कभी यह मजेदार भी हो सकता है। चाहे वो मेट्रो में इस्तेमाल होने वाला मसाज बैग हो या हेडफोन जो ज्यादा आवाज करता हो, हर एक आइटम में कुछ अनोखा था।
निष्कर्ष: पैसा वसूल या टाइमपास?
कुछ गैजेट्स वाकई काम के लगे, कुछ सिर्फ टाइमपास थे। लेकिन एक बात पक्की है – अगर आप टेक्नोलॉजी से प्यार करते हैं और थोड़ा मस्ती भी चाहते हैं, तो ये विचित्र गैजेट्स आपकी लिस्ट में जरूर होने चाहिए। और हां, अगली बार जब आप शॉपिंग करें तो सोच-समझकर करें – क्या पता मसाजर की जगह झटका देने वाली वॉच आ जाए!
लेखक की राय:
टेक्नोलॉजी का असली मजा तब आता है जब उसमें थोड़ा पागलपन हो। ये गैजेट्स न सिर्फ मजेदार थे, बल्कि हमारे रोजमर्रा की लाइफ को थोड़ा हल्का-फुल्का और हंसाने वाला बना देते हैं।
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परवीन ठाकुर एक अनुभवी पेशेवर लेखक और पत्रकार हैं, जिन्हें डिजिटल और प्रिंट मीडिया में काम करने का व्यापक अनुभव है। अपनी गहन विश्लेषणात्मक दृष्टि और रोचक लेखन शैली के लिए जाने जाते हैं, उन्होंने एनडीटीवी, ज़ी न्यूज़, आज तक, एबीपी न्यूज़, टेकहारी और गोलाब न्यूज़ जैसे प्रमुख समाचार प्लेटफॉर्म्स के लिए लेख लिखे हैं।
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