हैलो दोस्तों! आजकल ऑनलाइन स्कैमर्स ने धोखाधड़ी का कोई तरीका नहीं छोड़ा है। चाहे कोई भी तरीका हो, ये लोग किसी न किसी बहाने से आपको लूटने की कोशिश करते हैं। मेरा एक रिश्तेदार हाल ही में एक अजीबोगरीब स्कैम का शिकार हो गया, और मुझे लगता है कि आपने भी ऐसा होते हुए अपने आसपास देखा होगा।
कैसे काम करती हैं ये फेक वेबसाइट्स?
इन स्कैम वेबसाइट्स का पूरा गेम ही लोगों को गलत ऑफर्स दिखाकर उनका पैसा लूटने का होता है। जैसे कि, अगर आपको कोई वेबसाइट Flipkart या Amazon जैसी दिखाई दे और उस पर iPhone 11 सिर्फ ₹10 में या Samsung S24 Ultra ₹1,000 में सेल हो रहा हो, तो आप सोचेंगे कि शायद यह कोई बड़ा ऑफर है। लेकिन असलियत यह है कि ये सभी फर्जी वेबसाइट्स हैं, जो लोगों से पैसे लेकर गायब हो जाती हैं।
अगर सिर्फ 1 लाख लोग भी ₹10-₹20 दे दें, तो ये स्कैमर्स लाखों रुपये कमा लेते हैं। फिर ये पैसा या तो स्टॉक मार्केट में लगा देते हैं या किसी और तरह से इस्तेमाल करते हैं।
मैंने खुद ऑर्डर किया एक फेक फोन!
मैंने एक ऐसी ही वेबसाइट से S24 Ultra और iPhone 16 Pro ऑर्डर किया, जो कि ₹1,000 में सेल हो रहे थे। हैरानी की बात यह है कि फोन डिलीवर भी हो गया! लेकिन जब मैंने इसे चेक किया, तो पता चला कि यह एकदम नकली है।
फेक S24 Ultra की हकीकत
- वारंटी: बॉक्स पर 12 महीने की वारंटी लिखी थी, जो कि झूठ थी।
- स्पेसिफिकेशन: 5G, 5000mAh बैटरी, Octa-Core प्रोसेसर (MediaTek Dimensity 8200) जैसे दावे किए गए थे। लेकिन असल में यह फोन 10 साल पुराने MediaTek MT6753 प्रोसेसर पर चल रहा था, जो कि 4G भी सपोर्ट नहीं करता!
- परफॉर्मेंस: Geekbench पर इसका स्कोर सिर्फ 97 था, जो कि आज के समय के फोन्स के मुकाबले बेहद कमजोर है।
- कैमरा: 20MP का दावा, लेकिन असल में यह 5MP का घटिया कैमरा था।
- फिंगरप्रिंट स्कैनर: यह सिर्फ दिखावा था, क्योंकि कोई भी उंगली स्कैन करके फोन अनलॉक कर सकता था!
फेक iPhone 16 Pro का मजाक
- डिजाइन: बाहर से तो यह iPhone जैसा दिखता था, लेकिन अंदर से यह एक सस्ता चाइनीज फोन था।
- चार्जिंग: इस फोन को ओरिजिनल चार्जर से चार्ज ही नहीं हो रहा था, लेकिन जब मैंने एक सस्ते लोकल चार्जर का इस्तेमाल किया, तो यह चार्ज होने लगा!
कैसे पहचानें स्कैम वेबसाइट्स?
- बहुत कम कीमत: अगर कोई प्रोडक्ट बहुत कम दाम में मिल रहा है, तो यह 99% स्कैम है।
- वेबसाइट चेक करें: आप ScamAdviser, WhoIs Lookup, Google Transparency Report जैसी वेबसाइट्स पर जाकर चेक कर सकते हैं कि वेबसाइट असली है या नहीं।
- रीव्यूज पढ़ें: अगर वेबसाइट पर कोई रीव्यू नहीं है या सभी रीव्यूज फेक लगते हैं, तो सावधान हो जाएं।
निष्कर्ष: लालच से बचें!
दोस्तों, हम अक्सर लालच में आकर ऐसी स्कैम वेबसाइट्स पर भरोसा कर लेते हैं। लेकिन याद रखें, अगर कोई डील बहुत अच्छी लग रही है, तो वह शायद सच नहीं है। ऐसे ऑफर्स से दूर रहें और केवल विश्वसनीय वेबसाइट्स से ही शॉपिंग करें।
अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो इसे शेयर जरूर करें और कमेंट में बताएं कि आपने कभी ऐसा स्कैम देखा है या नहीं। धन्यवाद! 🚀
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परवीन ठाकुर एक अनुभवी पेशेवर लेखक और पत्रकार हैं, जिन्हें डिजिटल और प्रिंट मीडिया में काम करने का व्यापक अनुभव है। अपनी गहन विश्लेषणात्मक दृष्टि और रोचक लेखन शैली के लिए जाने जाते हैं, उन्होंने एनडीटीवी, ज़ी न्यूज़, आज तक, एबीपी न्यूज़, टेकहारी और गोलाब न्यूज़ जैसे प्रमुख समाचार प्लेटफॉर्म्स के लिए लेख लिखे हैं।
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